गजाली
Monday, November 5, 2012
रात गयी ...
रात गयी बात रही
बढिया है|
रात गयी बात गयी
बहोत बढिया है|
जान तो तब अटक जाती है दोस्तों,
जब पता ना चले की
रात तो गयी पर बात गयी है या रही है|
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