ये एक दोस्त के मन कि बात मेरे शब्दोंमें
क्या पता कोई दूर गया हुआ दोस्त फिर से जुड जाये …।
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देखो वक्त ने कैसे बदलाव कर दिया।
बातों में रहेनेवाला मै यादोंमे चला गया ॥
एक साथ चलते थे,
पता ही नही चला कब फासले बढ गये ।
साथ कम हो रहा है इसका एहसास ना रहा
नये हमसफर जो मिल गये ॥
सपने भी नही सोचा था
ऐसे बर्ताव जाने अंजाने में हो गये ।
करीब था दिल के इतने वो कि
छोटीसी बातोंने भी गहरे दर्द दे दिये ॥
अब तो इतनी दुरी लगती है कि
फिरसे जुड जाना नामुमकिन लगता है ।
खुशी तो बहोत दि है उसंने
पर दिल उस दर्द से डर जाता है ॥
पर एक बात बताऊ दोस्तों,
जब भी कभी खुशी से आखें भर आती है या फिर गम से होती है नम
उसकी याद सबसे पहले आती है
पलकोंके आंसू उसीके हाथ ढुंढते है
सुकून मिलता है दिलको, भले वक्त ने कितना भी बदलाव किया हो
पर वो दोस्ती, वो प्यारी यारी अभी भी दिल मै जवां है, जवां है ॥
क्या पता कोई दूर गया हुआ दोस्त फिर से जुड जाये …।
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देखो वक्त ने कैसे बदलाव कर दिया।
बातों में रहेनेवाला मै यादोंमे चला गया ॥
एक साथ चलते थे,
पता ही नही चला कब फासले बढ गये ।
साथ कम हो रहा है इसका एहसास ना रहा
नये हमसफर जो मिल गये ॥
सपने भी नही सोचा था
ऐसे बर्ताव जाने अंजाने में हो गये ।
करीब था दिल के इतने वो कि
छोटीसी बातोंने भी गहरे दर्द दे दिये ॥
अब तो इतनी दुरी लगती है कि
फिरसे जुड जाना नामुमकिन लगता है ।
खुशी तो बहोत दि है उसंने
पर दिल उस दर्द से डर जाता है ॥
पर एक बात बताऊ दोस्तों,
जब भी कभी खुशी से आखें भर आती है या फिर गम से होती है नम
उसकी याद सबसे पहले आती है
पलकोंके आंसू उसीके हाथ ढुंढते है
सुकून मिलता है दिलको, भले वक्त ने कितना भी बदलाव किया हो
पर वो दोस्ती, वो प्यारी यारी अभी भी दिल मै जवां है, जवां है ॥