Friday, April 12, 2013

एक दोस्त के मन कि बात मेरे शब्दोंमें

ये एक दोस्त के मन कि बात मेरे शब्दोंमें
क्या पता कोई दूर गया हुआ दोस्त फिर से जुड जाये …।   
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देखो वक्त ने कैसे बदलाव कर दिया।
बातों में रहेनेवाला मै यादोंमे चला गया ॥

एक साथ चलते थे,
   पता ही नही चला कब फासले बढ गये ।
साथ कम हो रहा है इसका एहसास ना रहा
   नये हमसफर जो मिल गये ॥

सपने भी नही सोचा था
   ऐसे बर्ताव जाने अंजाने में हो गये ।
करीब था दिल के इतने वो कि
   छोटीसी बातोंने भी गहरे दर्द दे दिये ॥  

अब तो इतनी दुरी लगती है कि
   फिरसे जुड जाना नामुमकिन लगता है ।
खुशी तो बहोत दि है उसंने 
   पर दिल उस दर्द से डर जाता है ॥ 

पर एक बात बताऊ दोस्तों,
   जब भी कभी खुशी से आखें भर आती है या फिर गम से होती है नम
उसकी याद सबसे पहले आती है
   पलकोंके आंसू उसीके हाथ ढुंढते है

सुकून मिलता है दिलको, भले वक्त ने कितना भी बदलाव किया हो
   पर वो दोस्ती, वो प्यारी यारी अभी भी दिल मै जवां है, जवां है ॥ 

4 comments:

  1. Siddha...Dosti kabhi chutati nahi! Sirf kuch lamhe hamase door ho jate hai! Vakt ki pabandi me chalna sikh lo. Bite lamhe ko apana atit samajh lo. Kitane khush naseeb ho ki aise lamhe tumhare jindagi me aye...
    Anyways, enough of lecture :) Enjoy the moment you're gonna get. Do miss everything that's not right now with you but do not dwell in it.
    We are all there for you dear friend :)

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    1. @Pranali, @Nandini : It seems that u didnt read the first two lines. :) Everytime its not necessary that whatever writer writes, it happens in his life!

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  2. badhiya...kip wrting god bless u..:)

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