Sunday, August 11, 2013

कुंडली

कल बहोत रातों के बाद मै सो नही पाया
  उसका खयाल दिल से निकाल नही पाया
पलके तो पुरी रात सिर्फ मिटी हुई थी
  उसका चेहरा नजर से हटा न पाया

पर एक बडी समस्या है
  समस्या का समाधान मेरे हाथ मे नही है
उसने मेरी तस्वीर देखी, आवाज भी सुनी है
  पर अब वो कुंडली देखना चाहती है

पता नही अब क्या होगा कल
  कही रास्ते की रुकावट ना बन जाये ये मंगल
दूर बैठे ग्रहोंको मैंने बिनती की है
  जरुरत हो तो थोडा इधर उधर होने को बोला है

                                                             
                                            आगे जारी रहेगा ..........



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